दरअसल इस कंपनी की पहचान कटे हुए सेब से होती है। आपने देखा होगा कि Apple कंपनी का लोगो आधे खाए हुए सेब जैसा दिखता है। खास बात यह है कि महंगे उपकरणों का इस्तेमाल करने वाले शौकीनों को भी इसके लोगो का राज नहीं पता था। आइए आपको बताते हैं इसके पीछे क्या वजह है।
कंपनी का लोगो कई बार बदल चुका है
गौरतलब है कि जब कंपनी की स्थापना वर्ष 1976 में हुई थी, तब इसका लोगो (Apple लोगो इवोल्यूशन) ऐसा नहीं था। लोगो में आइजैक न्यूटन और ऊपर लटका हुआ एक सेब था। हालांकि, साल 1977 में कंपनी के सह-संस्थापक स्टीव जॉब्स ने एक नया लोगो डिजाइन करने की जिम्मेदारी रॉब जेनॉफ (जिसने एपल का लोगो डिजाइन किया था) नाम के ग्राफिक डिजाइनर को दी। उन्होंने खाए हुए सेब का लोगो डिजाइन किया था जो इंद्रधनुषी रंग में था।
Apple का पहला Apple लोगो इंद्रधनुषी रंग का था
कारण यह था कि स्टीव जॉब्स चाहते थे कि कंपनी को मानवीय नजरिए से देखा जाए। जैनॉफ ने यह भी कहा कि उन्होंने इस लोगो में निर्दिष्ट आदेश में रंग नहीं जोड़ा। ऊपर का पत्ता इसलिए था हरा रंग सबसे ऊपर रखा गया था। उसके बाद 1998 से अब तक Apple लोगो का रंग इसी रंग में रखा गया। कभी वो पुरा नीला हो गया तो कभी ग्रे और कभी शाइनिंग ग्रे।
लोगो बनाने वाले ने कारण बताया
CodesGesture नाम की वेबसाइट के मुताबिक, Rob Zainoff ने एक इंटरव्यू में इस बात का खुलासा किया कि उन्होंने लोगो को क्यों काटा। उन्होंने कहा कि सेब को काटने का कारण यह था कि लोग आसानी से समझ सकें कि यह एक सेब है न कि चेरी या टमाटर। दूसरा कारण उसने बताया कि वह चाहता था कि लोग समझें कि वह सेब काट रहा है। लेकिन उस दौरान एक थ्योरी यह भी बनाई गई थी कि एप्पल की कट बाइट भी कंप्यूटर की बाइट से जुड़ी हुई नजर आती है।